लेखनी प्रतियोगिता -08-Apr-2022#फरेब है इन आंखों में
चंदा को ना जाने क्यों आज सुंदर की याद आ रही थी।वह जानती थी कि वो दिल फेंक आशिक था पर था तो उसकी बेटी का पिता ।आज अचानक से वो पुरानी यादों मे खो गयी।वो पहाड़ों पर घर का चुल्हा जलाने के लिए लकड़ियां बीन रही थी मां वैसे तो उसे सुबह ही भेजती थी लकड़ी बीनने के लिए पर आज उसने देखा ही नही कि शाम के लिए जो जलावन था वो कल की बारिश मे भीग चुका था। वह अपनी सहेलियों के साथ गोलियां खेल रही थी तभी मां ने उसे बुलाया कि जा पहाड़ों पर जा कर कुछ लकड़ी बीन ला ।चंदा मे यथा नाम तथा गुण वाली बात थी ऊंचा लम्बा कद निकाल लिया था चंदा ने मातर सोलह साल मे ही बहुत सुंदर दिखाई देती थी।जो उसे देखता वो देखता ही रह जाता। मां को सारा दिन चिंता सताती थी कि कही कोई उसकी बेटी को बहका ना ले ।चंदा मस्त मौला कभी यहां तो कभी वहां फुदकती फिरती थी।उसे दुनिया दारी का पता ही नही था।वह तब भी मस्ती से लकड़ियों को इकठ्ठा कर रही थी उसे पता ही नही चला कब मे से एक गाड़ी उसके पास आकर रूक गयी वह गट्ठर उठा कर घर की तरफ जा ही रही थी कि कार मे से एक सुंदर सजीला बांका नौजवान निकला ।ये लम्बा कद ,भूरी आंखे ,और कपड़े ऐसे जैसे कोई फिल्म का हीरो।एक बारगी चंदा भी उसे ठिठक कर देखने लगी ।उसने चंदा से पूछा,"ये फारेस्ट आफिसर्स का बंगला कहां पड़ता है।" पूरे इलाके मे एक ही बंगला था चंदा ने उस ओर इशारा कर दिया उस बांके जवान की आंखों मे देखकर चंदा बोलना ही भूल गयी। वो बोला ,"ले चलो गी मुझे मै यहां पर नया आया हूं आज ही पोस्टिंग हुई है ।चलो तुम ये लकड़ियां भी उठा लो वो बंगला दिखा देना फिर मै तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ दूंगा। चंदा यंत्रवत सी उसके साथ गाड़ी मे बैठ गयी वह रास्ते भर इधर उधर की बातें करता रहा उसने ये जरूर दर्शा दिया था अपनी आंखों से जैसे वो चंदा को घोल कर पी जाएगा। हां जब वह बंगला देख कर चंदा को उसके घर तक छोड़ने आ रहा था तो बेचारगी दिखाते हुए बोला,"अभी तो भुखे मरना पड़ेगा क्योंकि कुछ भी सामान नही है रोटी बनाने के लिए।"जब दो बोल चन्दा के मुंह से फूटे थे । "हम ले आयेगे इतने दो तीन दिन रोटी।" यह कहकर चंदा लकड़ी का गट्ठर उठा कर चल पड़ी।
इधर सुंदर की फरेबी आंखों ने देख लिया था कि शिकार जाल मे फंस चुका है।बस अब तो उसके आने की देर है।
वह इसी तरह चंदा को अपने प्यार के जाल मे फंसाता चला गया।एक दिन वे दोनों दो जिस्म एक जान हो गये। चंदा दीन दुनिया को भूल कर सुंदर की बाहों मे ही अपना सब कुछ बसाना चाहती थी।चंदा को दिन ऊपर है गये।वह यह खुशखबरी देने जैसे ही बंगले पर पहुंची तो हैरान रह गयी । सुंदर एक बच्चे को गोद मे लिए बैठा था और अंदर से एक औरत जिसने सलवार सूट पहन रखा था वह आकर सुंदर की बाहों मे समां गयी ।चंदा को इससे ज्यादा क्या सूबूत चाहिए था सुंदर के फरेबीपन का वह पेड़ की ओट मे ही दोनों को देख कर उल्टे पांव लौट आयी। थोड़े दिनों बाद मां को भी पता चल गया कि चंदा पेट से है बच्चा गिराने की बात जब मां ने की तो चंदा बिफर गयी,"मां ये मेरी कोख मे पल रहा है ये मेरा बच्चा है ।मै ही इसकी मां भी हूं और मै ही इसका बाप भी। चंदा ने दिल कड़ा कर लिया था । नौवें महीने एक सुंदर सी बेटी को जन्म दिया ।उसके बाद भी बहुत से हमदर्दी भरे हाथ उसकी और उसकी बेटी की ओर बढ़े पर चंदा ने किसी का भी हाथ नही पकड़ा।आज उसकी बेटी का पहला दिन था स्कूल के एडमिशन का ।आज चंदा को बड़ा सूकुन मिला जब मैडम ने पिता का नाम पूछा तो चंदा ने गर्व से बोला ,"चंदा रानी "।मैडम उसकी ओर देखती रह गयी और वो उठकर घर चली आयी।आज उसे सुंदर का वो घिनौना चेहरा याद आ रहा था जिसकी फरेबी आंखों के जाल मे वह फंस गयी थी।
Reyaan
10-Apr-2022 01:39 PM
Very nice
Reply
Shrishti pandey
09-Apr-2022 11:37 AM
Very nice
Reply
Punam verma
09-Apr-2022 07:57 AM
Very nice
Reply